रेज़र, रोमांस और टकली प्रिया | एक अनोखी प्रेम कहानी|A Bold Headshave Story - Part 02
Full video like
दरवाज़ा खोला और मैं सीधे बेडरूम की ओर बढ़ी।
बाल नहीं थे… सिर्फ़ हवा थी जो अब खुलकर मेरी खोपड़ी को चूम रही थी।
मैंने दुपट्टा उतार फेंका… और शीशे के सामने आ खड़ी हुई।
"वाह प्रिया… अब तो तू असली बम लग रही है!"
मैंने खुद को आंख मारते हुए कहा।
बिल्कुल टकली… और बिल्कुल तेज़ाब।
दरवाज़े पर जैसे ही उसकी चाबी घुसी, मैं मुस्कुराई।
"अब आया शिकार… देखते हैं कितनी देर में घुटनों पर आता है।"
मैंने लाइट्स डिम कर दीं… होंठों पर थोड़ा ग्लॉस लगाया… और अपनी चमचमाती गंज खोपड़ी को हल्के से तेल से चमका दिया।
जब वो कमरे में घुसा, तो मैं सोफे पर लेटी थी —
एक पैर नीचे, दूसरा हवा में झूलता… और सिर एकदम एक्सपोज़।
वो ठिठका… और आँखें जैसे वहीं फ्रीज़ हो गईं।
"त..तुमने… सब शेव कर दिया?"
मैंने नज़रें झुका कर धीरे से कहा—
"हां जानू… और अब मेरी खोपड़ी बस तुम्हारे लिए है… हाथ फेरोगे?"
उसका गला सूख गया।
वो धीरे-धीरे पास आया… और जैसे ही उसने मेरी खोपड़ी को छुआ…
मैंने उसकी उंगली चाट ली।
"सिर्फ़ हाथ से नहीं… होंठों से भी महसूस करो मुझे…"
वो अब पागल हो चुका था।
"तुम इतनी हॉट लग रही हो…"
उसने कहा।
मैंने उसे अपनी गोद में खींचा
"और ये हॉटनेस सिर्फ़ तुम्हारे लिए है… कोई और छू भी नहीं सकता इसे। ये खोपड़ी अब exclusive है, सिर्फ़ तुम्हारे होंठों के लिए…"
मैंने धीरे से उसके हाथों में रेज़र रखा।
"कल मेरी शेविंग तुम करोगे… हर रात एक बार… जैसे तुम्हारा हक हो।"
वो हैरान हो गया
"रोज़??"
मैंने आँख मारते हुए कहा—
"बाल तो उगेंगे ही… तुम्हारा काम है उन्हें काटते रहना… जैसे तुम्हें मेरी बॉडी के हर इंच का ध्यान रखना है।"
रात भर उसने मेरी गंज खोपड़ी पर किस किया।
कभी होंठों से, कभी जीभ से…
और मैं हर बार कहती रही— "और ज़ोर से… और लंबा…"
मैंने फुसफुसाकर पूछा—
"अब बताओ, गंजा कौन ज़्यादा हॉट है? तुम या मैं?"
उसने मेरा चेहरा पकड़कर कहा—
"तुम… और सिर्फ़ तुम… मेरी टकली देवी।"
आज की रात… बस कुछ और ही है।
कमरे में हल्की गुलाबी रौशनी, कुछ सॉफ़्ट म्यूज़िक, और मेरे बदन पर सिर्फ़ एक रेशमी गाउन।
लेकिन असली नज़ारा?
मैं बिस्तर पर लेटी हूँ… सिर तकािये पर रखा है… और मेरा पति हाथ में रेज़र लिए, मेरी चमकती खोपड़ी को देख रहा है… जैसे कोई मिशन पे निकला हो।
"तो आज मेरी शेविंग तुम करोगे…"
मैंने आँखें बंद करते हुए कहा,
"ध्यान रखना जानू, हर स्ट्रोक प्यार से हो… और थोड़ा naughty भी।"
वो मुस्कुराया, और बोला—
"तुम्हारी ये गंज खोपड़ी… मुझे तुम्हारा दीवाना बना रही है।"
उसने तौलिया से मेरी खोपड़ी को धीरे-धीरे पोंछा।
"उफ्फ... ये गर्म टॉवल… मुझे तो पिघला ही रहा है…"
मैंने हल्की आह भरी,
"बस ध्यान रखना, ज्यादा टाइट मत दबा देना… मैं नाज़ुक टकली हूँ अब!"
वो हँसा, फिर हाथ में फोम लिया…
और उसकी उंगलियाँ मेरे सिर पर फोम फैलाने लगीं।
"जानू… ये तो बिल्कुल वैसा लग रहा है, जैसे कोई मेरे सिर पर क्रीम की मालिश कर रहा हो…"
मैंने गर्दन को थोड़ा मोड़ा और फुसफुसाया
"तुम चाहो तो थोड़ा और नीचे भी जा सकते हो…"
वो रुक गया
"नीचे?"
मैंने आँखों से इशारा किया…
"मैंने कहा था ना, पूरा कंट्रोल तुम्हारा है आज रात।"
अब रेज़र ने पहली चाल चली।
उसने मेरी स्किन पर पहला स्ट्रोक लिया…
धीरे… रूक-रूक कर… जैसे हर बाल से प्यार कर रहा हो।
"उफ़्फ… ये एहसास… जैसे कोई ज़ुबान से मेरे सिर को चूम रहा हो…"
मैंने आंखें बंद की, और होंठों से हल्की सिसकारी निकाली—
"और दबाओ… थोड़ा गहरा स्ट्रोक दो ना…"
वो अब मेरी खोपड़ी पर ध्यान से रेज़र चला रहा था—
हर स्ट्रोक के बाद एक किस,
हर किस के बाद एक naughty फुसफुसाहट।
"तुम मेरी हो, प्रिया… पूरी की पूरी… ये टकली सिर से लेकर दिल तक…"
मैंने हाथ बढ़ा कर उसका चेहरा अपनी ओर खींचा।
"और तुम… इस खोपड़ी के रक्षक हो अब… तुम्हारी जीभ से हर शेव confirm होगी… क्या समझे?"
रात जैसे ठहर गई थी।
रेज़र अब थम चुका था, और उसकी उंगलियाँ मेरे सिर को नर्मी से सहला रही थीं।
"टच करो… महसूस करो… ये गंजापन सिर्फ़
तुम्हारा है।"
मैंने कहा।
उसने मेरा सिर अपनी छाती से लगा लिया,
"और तुम्हारा प्यार… मेरा सबसे sexy addiction है।"
Comments
Post a Comment